रानी दुर्गावती की फिल्म का पटकथा लेखन बाहूबली बजरंगी भाईजान के निर्देशक सेबेस्टियन ने शुरू किया
वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित फिल्म की पटकथा का प्रथम चरण आरंभ हो गया है बाहुबली 2 लिंग बजरंगी भाईजान और मक्खी जैसी बड़ी फिल्मों की सहायक निदेशक सेबेस्टियन इस फिल्म का निर्माण कर रहे हैं जबलपुर शहर रह रहे साउथ के दिग्गज सहायक निर्माता निर्देशक सेबेस्टियन ने भारत के जाने-माने इतिहासकार और शिक्षा विद डॉक्टर आनंद सिंह राणा से रविवार को मुलाकात की उन्होंने वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन पर खास बातचीत की और रानी दुर्गावती के जीवन साहित्य और समस्त तथ्यों सहित हर संभव जानकारी उपलब्ध कराने का वादा किया श्री राणा रानी दुर्गावती फिल्म के निर्माता की सहायता पटकथा लेखन में कर रहे हैं ताकि इस रानी दुर्गावती की सत्य घटनाओं को फिल्म के जरिए उजागर किया जा सके इस पटकथा में वामपंथी तथाकथित, सेकुलर ,इस्लामी और मिशनरी विचारधारा का लेखन आधार नहीं होगा बल्कि मदन शाह जैसे वीरों के उल्लेखों से परिपूर्ण होगा।
साउथ के मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक सेबेस्टियन पिछले तीन वर्षों से रानी दुर्गावती के जीवन पर गहराई से शोध कर रहे हैं सेबेस्टियन का कहना है कि यह एक ऐसी कहानी है जो एक फिल्म के रूप में एक बड़े मंच की हकदार है इतिहासकारों शोधकर्ताओं और उनके वंश के वंशजों के साथ मेरी मुलाकातों ने उनकी विरासत को एक स्पष्ट सम्मोहक तस्वीर दी है इन तस्वीरों ने मेरी परिकल्पना को फिल्म मैं निर्मित करने के लिए मुझे बाध्य कर दिया मैं दृढ़ संकल्पित हूं। रानी दुर्गावती की कहानी सिनेमा चित्रण के लिए उपयुक्त है भावनात्मक गहराई और भाव ऐतिहासिक डायरी का यह संयोजन उनकी कहानी को फिल्म जैसे दृश्य माध्यम के लिए एकदम सही बनता है सेबेस्टियन का मानना है यह फिल्म इतिहास की किताबें द्वारा छोड़ी गई कमी को पूरा कर सकती है और अब मेरे प्रयास इस फिल्म के निर्माण के लिए शुरू हो गए हैं हमने पटकथा पर काम करना शुरू कर दिया है इसका पहला चरण आरंभ कर दिया है इसके लिए इतिहासकार डॉक्टर आनंद सिंह राणा से खास मुलाकात की है।
रानी दुर्गावती फिल्म की शूटिंग जल्दी ही शुरू होगी – रानी दुर्गावती पर बना रही फिल्म की पटकथा पर काम जारी है जैसे ही इस फिल्म की पटकथा का कार्य पूरा होगा जबलपुर शहर के कई स्थानों में फिल्म की शूटिंग की जाने की संभावना है इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में फिल्म की शूटिंग की जा सकती है फिल्म के निर्माता इसकी कार्य योजना तैयार कर रहे हैं।
डॉ आनंद सिंह राणा के अनुसार -रानी दुर्गावती ने लगभग 16 वर्ष शासन किया और यही कल गोंडवाना साम्राज्य का स्वर्ण युग था गोंडवाना साम्राज्य राजनीतिक सामाजिक आर्थिक धार्मिक सांस्कृतिक कला एवं साहित्य के क्षेत्र में सुव्यवस्थित रूप से पल्लवित और पुष्पित होता हुआ अपने चरमोत्कर्ष तक पहुंचा वर्तमान में प्रचलित जीएसटी जैसी कर प्रणाली रानी दुर्गावती के शासनकाल में लागू की गई थी फल स्वरुप तत्कालीन भारत में वर्ष में अच्छा माना ही एकमात्र राज्य था जहां की जनता अपना लगन स्वर्ण मुद्राओं और हाथियों में चुकाती थी इसका उल्लेख स्वयं अकबर के दरबारी लेखक अबुल फजल ने भी किया है रानी दुर्गावती ने महिलाओं को शिक्षित करने का प्रयास किया और उनके लिए लाख लाख के आभूषणों के लघु उद्योग स्थापित कारण चिरौंजी सिंघाड़ा महुआ एवं इमारती लकड़ी के व्यापार को प्राथमिकता दी गधा में उन्नत वस्त्र उद्योग था जड़ी बूटियां से बनी औषधीय के व्यापार को बढ़ावा दिया।
रानी दुर्गावती पर फिल्म एक सराहनीय पहल -इस पटकथा को बड़े पर्दे पर जीवंत करने के लिए मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक सेबेस्टियन का प्रयास सराहनीय है यह एक ऐसी ऐतिहासिक कथा है जिसे बड़े पर्दे पर देखना अद्भुत और रोमांचित बात है। भारतीय महिलाओं की प्रेरक रानी दुर्गावती एक ऐसी वीरांगना है जिनका बलिदान अमरता का प्रतीक है जब रानी दुर्गावती के ससुर की मृत्यु हो गई उनके पति की भी मृत्यु हो गई उनके पिता का भी निधन हो गया यह घटनाएं बहुत जल्दी-जल्दी हुई ऐसे में राज्य का पूरा भर रानी दुर्गावती पर आ गया था और उन्होंने शासन की बागडोर संभाली थी । स्त्रियों को शास्त्र और शास्त्र की शिक्षा देने के उद्देश्य से गढ़ा में विट्ठलनाथ की प्रवास के दौरान ही रानी दुर्गावती ने देवताल के पास पचमठा में स्त्रियों के लिए प्रथम गुरुकुल स्थापित कराया था जिसमें स्वयं स्वामी विट्ठलनाथ ने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान की थी।
जबलपुर की रानी दुर्गावती पर फिल्म बनाएंगे बाहुबली 2 के डायरेक्टर सेबेस्टियन
वृंदावन और सनातन का मुख्य केंद्र लघु काशी गढ़ा-
उन दिनों उत्तर मध्य भारत का हिंदुओं का धार्मिक केंद्र बिंदु था जहां कोई भी हिंदू अपनी इच्छा अनुसार धार्मिक अनुष्ठान कर सकता था श्रीमद् वल्लभाचार्य के पुत्र गोस्वामी विट्ठलनाथ का आगमन देवताल गढ़ा में अक्सर होता था रानी दुर्गावती के आग्रह पर 3 वर्ष विट्ठलनाथ गढ़ा में ही रहे यही बैठक जी के मंदिर का निर्माण किया गया जहां पर शुद्धाद्धैत नियमों से पूजा होती थी इसलिए इस स्थान को लघु काशी वृंदावन कहा जाता था रानी दुर्गावती के समय ही यहां राधा वल्लभ संप्रदाय पल्लवित हुआ रानी दुर्गावती ने माला देवी के मंदिर का जीवनी द्वारा कराया और कुलदेवी के रूप में शिरोधार्य किया नवरात्र पर्व धूमधाम से मनाया जाता था मां त्रिपुर सुंदरी, बूढ़ी खेरदाई, बड़ी खेरमाई और शारदा देवी के मंदिर आज भी सुप्रसिद्ध हैं।
नोट – यह लेख भारत के जाने-माने इतिहासकार डॉक्टर आनंद सिंह राणा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर लिखा गया है आप भारतीय महिलाओं की प्रेरक वीरांगना रानी दुर्गावती पर आधारित फिल्म बड़े पर्दे पर देखने के लिए कितने उत्साहित हैं कमेंट करके हमें जरूर बताएं यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो लाइक शेयर करना ना भूले। बॉलीवुड से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए बनी रही आपकी अपनी वेबसाइट बॉलीवुड यात्रा पर जहां आपको बॉलीवुड की सबसे तेज दिलचस्प खबरें मिलती हैं आप हमारे बैल आइकन को आलो कर लीजिए ताकि आपको हर खबर सीधे तौर पर मिल सके।