डायरेक्टर सेबेस्टियन जबलपुर की रानी दुर्गावती पर रिसर्च कर लिख रहे हैं
राजामौली की फिल्म बाहुबली 2 में बतौर सहायक निर्देशक काम करने वाले सेबेस्टियन अब जबलपुर की रानी दुर्गावती पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं इसके लिए वह लगातार लगभग चार सालों से जबलपुर में रहकर रानी दुर्गावती के जीवन पर रिसर्च कर रहे हैं सेबेस्टियन बाहुबली ,मक्खी, लिंगा, और बजरंगी भाईजान जैसी कई बड़ी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके हैं और अब मैं महाकौशल की रानी दुर्गावती के जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद जबलपुर के अनुसार – रानी दुर्गावती की कहानी सिनेमा चित्रण के लिए उपयुक्त थे न केवल इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण बल्कि इसमें एक महाकाव्य फिल्म के सभी तत्व मौजूद हैं भारी बढ़ाओ के बावजूद साहस बलिदान और नेतृत्व से भरपूर उनका जीवन बाहुबली और मणिकर्णिका जैसी जीवन से भी बड़ी कहानियां के बराबर है उन्होंने 50 से अधिक लड़ाइयां लड़ी अपने शासनकाल के अधिकांश समय तक अपराजिता रही और जब अपरिहर हर का सामना करना पड़ा तो उन्होंने आत्मसमर्पण के बजाय शहादत को चुना भावनात्मक गहराई और भाव ऐतिहासिक दायरे का यह संयोजन उनकी कहानी को फिल्म जैसे दृश्य माध्यम के लिए एकदम सही बनाता है मेरा मानना है कि यह फिल्म इतिहास की किताबें द्वारा छोड़ी गई कमी को पूरा कर सकती है और उनकी कहानी को अधिक व्यापक दशकों तक पहुंचा सकती है मुगल आक्रमण के प्रति उनके प्रतिरोध और दक्षिण भारत पर उनके प्रभाव पर केंद्रित करके मेरा लक्ष्य एक ऐसी कहानी बताना है जो पूरे देश और उसके बाहर भी गूंजती है उनकी बहादुरी और राष्ट्रभक्त को बड़े पैमाने पर मनाया जाना चाहिए और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि उनकी विरासत दूर-दूर तक जानी जाए। यह जानकारी साउथ फिल्म निर्देशक सेबेस्टियन ने पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद जबलपुर दी है।
सेबेस्टियन कहते हैं कि मै पिछले तीन सालों से रानी दुर्गावती के जीवन पर गहराई से शोध करने में लगा हुआ हूं एक ऐसी कहानी जिसके बारे में अब मेरा मानना है कि यह एक फिल्म के रूप में एक बड़े मंच की हकदार है प्रारंभ में मुझे ऐतिहासिक वृतांतों में विसंगतियों से जूझना पड़ा लेकिन इतिहासकारों शोधकर्ताओं और उनके वंश के वंशजों के साथ मेरी हाल ही की बैठकों ने मुझे विरासत की एक स्पष्ट सम्मोहक तस्वीर दी इस यात्रा के माध्यम से मैं रानी दुर्गावती को एक ऐसी वीरांगना के रूप में देखा जिनका योगदान उनके गोंडवाना साम्राज्य से कहीं आगे तक जाता है। इतिहास में जो बात अक्सर छूट जाती है वह है मुगल सम्राट अकबर के दक्षिण भारत में विस्तार को रोकने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका। दक्षिण से एक व्यक्ति के रूप में मुझे यह संबंध विशेष रूप से महत्वपूर्ण लगता है मुगलों के खिलाफ उनकी जीत सिर्फ क्षेत्रीय सफलताएं नहीं थी उन्होंने दक्षिण को मुगल शासन से बचाया सांस्कृतिक समृद्धि को संरक्षित किया जिसे हम आज भी आनंद लेते हैं कई खातों में नजर अंदाज किया गया यह तथ्य उन्हें उत्तर के साथ-साथ दक्षिण भारत के लिए भी हीरो बनाता है ।
कौन है निर्देशक सेबेस्तिटन
न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी से फिल्म निर्माण की शिक्षा प्राप्त करने के बाद के सेबेस्टियन ने फिल्मों और फिल्मांकन के क्षेत्र में 16 वर्षों काम किया और अनुभव अर्जित किया है। उन्होंने थाईलैंड के एनिमल प्लैनेट चैनल से अपने करियर की शुरुआत की सेबेस्टियन थाईलैंड के फुकेत रेनफॉरेस्ट क्षेत्र में वन्यजीवों की परियोजना पर भी काम किया वह एक भावुक से नहीं प्रेमी है जिसके कारण उन्होंने भारतीय फिल्म सिनेमा जगत में कदम रखा और रमा देवी टीम में सहायक निदेशक के रूप में काम किया इसके बाद उन्होंने बाहुबली फिल्म में सहायक निदेशक के रूप में काम किया जिसके निर्देशक निर्माता राजमोली है उन्हें राजमोली जैसे दिग्गज निर्माता के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ उन्होंने साउथ और तमिल सिनेमा की कई सुपरहिट फिल्में दी जिम बाहुबली, के.जी.एफ. , लिंग, मक्खी और भारतीय फिल्म बजरंगी भाईजान में काम किया है। अब महाकौशल की महारानी रानी दुर्गावती पर फिल्म बनाने जा रहे हैं इसके लिए वह लंबे समय से काम कर रहे हैं।
रानी दुर्गावती कहां की रानी थी
इतिहासकार डॉ आनंद सिंह राणा के अनुसार रानी दुर्गावती गढ़ा कटंगा गोंडवाना साम्राज्य की रानी थी। रानी दुर्गावती ने लगभग 16 वर्ष शासन किया और यही कल गोंडवाना साम्राज्य का स्वर्ण योग्यता गोंडवाना साम्राज्य राजनीतिक सामाजिक आर्थिक धार्मिक सांस्कृतिक कला एवं साहित्य के क्षेत्र में सुव्यवस्थित रूप से पल्लवित और पुष्पित होता हुआ अपने चरमोत्कर्ष तक पहुंचा वर्तमान में प्रचलित जीएसटी जैसी कर प्रणाली रानी दुर्गावती के शासनकाल में लागू की गई थी फल स्वरुप तत्कालीन भारत वर्ष में गोंडवाना ही एकमात्र राज्य था जहां की जनता अपना लगन स्वर्ण मुद्राओं और हाथियों में चूकती थी इसका उल्लेख स्वयं अकबर के दरबारी लेखक अबुल फजल ने किया है रानी दुर्गावती ने महिलाओं को शिक्षित करने का प्रयास किया और उनके लिए लाख के आभूषणों के लघु उद्योग स्थापित कारण चिरौंजी सिंघाड़ा महुआ और इमारती लकड़ी के व्यापार को प्राथमिकता दी गड़ा में उन्नत वस्त्र उद्योग था जड़ी बूटियां से बनी औषधीय के व्यापार को भी बढ़ावा दिया।
रानी दुर्गावती का जन्म किस राज्य में हुआ था?
रानी दुर्गावती का जन्म प्रसिद्ध चंदेल सम्राट कीरत राय के घर 5 अक्टूबर 1524 को बांदा उत्तर प्रदेश के किले में हुआ था उनका विवाह मध्य प्रदेश के जबलपुर के गढ़ा राजा दलपत शाह के साथ हुआ था ।
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