दमोह के फिल्म कलाकार कौन कौन से है
बुंदेलखंड की भूमि कलाकारों की धरा है जहां एक से बढ़कर एक कलाकार जन्मे है जिन्होंने अपनी साहित्यिक कला और अभिनय कला के दम पर दमोह का नाम रोशन किया। कहानी और फिल्म का बहुत गहरा संबंध है अधिकतर फिल्में कहानी पर ही आधारित होती है बाकी फिल्म कहानी कहने का अलग तरीका और ताकतवर माध्यम है कहानी को एक लेखक कल्पना ,संरचना और अभिव्यक्ति के संयोजन से अपनी कलम से कागज पर उकेरता है।
1.लेखक माधवराव सप्रे – दमोह के पहले कलाकारों में माधवराव सप्रे का नाम सबसे ऊपर है भारत के पहले कहानी लेखक माधवराव सप्रे है जिन्होंने अपनी कलम की कला से भारत की प्रथम कहानी *एक टोकरी भर मिट्टी* की रचना की थी। ऐसे महान कहानीकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी माधवराव सप्रे का जन्म 19 जून 1871 को दमोह जिले के पथरिया ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम कोडेश्वर राव और माता का नाम लक्ष्मीबाई था। हिंदी भाषा और साहित्य के लिए उनका एक जुनून था अंग्रेजी सरकार ने उन्हें उच्च पदों पर नौकरी करने के लिए ऑफर भी किया था लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया स्वतंत्रता संग्राम और हिंदी के प्रचार के लिए वह मामूली वेतन पर शिक्षक बन गए उन्होंने साल 1900 में छत्तीसगढ़ मित्र नाम से एक पत्रिका का प्रकाशन किया था 23 जून 1926 को रायपुर में उनका निधन हो गया था।
2.फिल्म निर्माता ज्वाला प्रसाद तिवारी – ज्वाला प्रसाद तिवारी एक फिल्म निर्माता थे जिनका जन्म दमोह मध्य प्रदेश में हुआ था वे दमोह के ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा जगत में प्रवेश किया दमोह के मशहूर शायर अभिषेक वर्मा बताते हैं कि निर्माता फिल्म निर्माता ज्वाला प्रसाद तिवारी ने देवानंद और मधुबाला के साथ अनेक फिल्में बनाई है उनका एम .ऐड .टी .स्टूडियो नाम से फिल्म निर्माण कंपनी भी थी ज्वाला प्रसाद तिवारी मूलतः दमोह मध्य प्रदेश के हैं उनका जन्म दमोह की धरा पर ही हुआ था।
3.दमोह के साहित्यकार- दमोह के साहित्यकारों में सर्वप्रथम तीन नाम लिए जाते हैं दिनकर सोनवलकर , सत्य मोहन वर्मा और प्रोफेसर नईम। इस साहित्यिक तिगड़ी का दमोह के हिंदी साहित्य कला में विशेष योगदान रहा है हालांकि हिंदी सिनेमा जगत से दमोह का जुड़ाव सबसे पहले सत्य मोहन वर्मा द्वारा ही हुआ था हिंदी सिनेमा जगत के शोमैन राज कपूर से सत्य मोहन वर्मा की गहरी मित्रता थी राज कपूर साहब का आना-जाना भी बुंदेलखंड की भूमि पर हुआ करता था इतना ही नहीं फिल्म बॉबी के गीतों को अपनी दमदार कलम से रचने वाले विट्ठल भाई पटेल से भी सत्यम वर्मा की गहरी मित्रता और स्नेह रहा है। सत्य मोहन वर्मा की साहित्य साधना की खुशबू हिंदी सिनेमा जगत तक भी पहुंची थी। दमोह का हिंदी सिनेमा जगत से जुड़ाव होने का योगदान सत्य मोहन वर्मा को ही जाता है। महानायक अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन से भी वर्मा जी की गहरी मित्रता और स्नेह था बच्चन साहब का आना-जाना सत्य मोहन वर्मा के यहां हुआ करता था।
4.सिनेमैटोग्राफर हरीश पटेल- बाॅलीवुड के मशहूर सिनेमेटोग्राफर हरीश पटेल हिन्दी सिनेमा जगत की कई फिल्मों में काम कर चुके हैं हाॅफ गर्लफ्रेंड,एक विलन , आंखें,जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में हरीश पटेल अपनी सिनेमेटोग्राफर का जौहर दिखा चुके हैं इसके साथ ही वह अपने गृहनगर मध्य प्रदेश बुंदेलखंड के दमोह शहर में भी शार्ट फिल्म और डाक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण करते आ रहे हैं हरीश को सिनेमैटोग्राफी का ऐसा जुनून था की दमोह से माया नगरी मुंबई पहुंच गए और एक सिनेमैटोग्राफर के तौर पर खुद को बॉलीवुड में स्थापित किया ।हरीश पटेल बुन्देलीवुड इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए हिन्दी, पंजाबी और गुजराती फिल्मे बनाकर अपनी सिनेमैटोग्राफी का हुनर दिखा चुके हैं । हरीश पटेल पिछले 24 सालों से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय सिनेमेटोग्राफर है । हरीश पटेल ने ओम शिव शक्ति फिल्म प्रोडक्शन की शुरुआत दमोह शहर से की है यह दमोह का पहला फिल्म प्रोडक्शन है जिसके जरिए स्थानीय कलाकारों को फिल्म निर्माण की बारीकियां सीख कर फिल्म बनाने का अवसर प्राप्त होता है उनकी इस तरह नहीं है पल के कारण नए युवाओं को दमोह शहर में रहकर ही फिल्म जगत में करियर बनाने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
5.अभिनेत्री पूजा अवस्थी- पूजा अवस्थी एक जानी-मानी टेलीविजन अभिनेत्री हैं जिन्होंने एक अभिनेत्री के रूप में माया नगरी में अपनी अभिनय कला से खुद को स्थापित किया है कुंडली भाग्य , सपने सुहाने लड़कपन के, आंगन सूना, ब्रह्मराक्षस, लव कुश, बालिका वधू 2, मोलक्की 2, विद्या जैसे अनेक टीवी सीरियलों में अपनी बेहतरीन अदाकारी का दम छोटे पर्दे पर दिखा चुकी है 7 सितंबर 1989 को दमोह मध्य प्रदेश में जन्मी पूजा अवस्थी ने अपने पति की प्रेरणा से मनोरंजन की दुनिया में अपना कदम बढ़ाया और दमोह शहर का नाम रोशन किया। मुझे अवस्थी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दमोह शहर के सरस्वती स्कूल और महारानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स स्कूल से प्राप्त की है वही कमला नेहरू महिला कॉलेज से विज्ञान में स्नातक और भोपाल विश्वविद्यालय से सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा की शिक्षा ग्रहण की है उन्होंने एक शिक्षिका के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं बाद में उन्होंने टीवी की दुनिया में कदम रखा। विवाह के पश्चात वह माया नगरी मुंबई चली गई और पति के प्रोत्साहन पर अपनी अभिनय यात्रा प्रारंभ की। इतना ही नहीं पूजा अवस्थी का एक बेटा अयांश है जो बाल कलाकार के रूप में फिल्म धड़क में जानवी कपूर और ईशान खट्टर के साथ बड़े पर्दे पर नजर आ चुका है।
6.अभिनेत्री चाहत पांडे – चाहत पांडे टेलीविजन अभिनेत्री हैं जिन्होंने साल 2016 में एकता कपूर के पवित्र बंधन नमक टीवी सीरियल से टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा था जिसमें उन्होंने मिष्टी राय चौधरी की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सावधान इंडिया,ऐसी दीवानगी देखी नहीं कभी ,होशियार ,क्राइम पेट्रोल ,महाकाली अंत ही आरंभ है ,तेनाली रामा, अलादीन, हमारी बहू सिल्क, लाल इश्क ,द्वारकाधीश, मेरे साईं ,दुर्गा माता की छाया जैसे टीवी सीरियलों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी है इतना ही नहीं बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की रियलिटी शो बिग बॉस 18 की प्रतिभागी के रूप में नजर आ चुकी हैं इस शो के जरिए चाहत पांडे ने खूब सुरतिया बटोरी थी और लगातार सलमान खान के साथ चर्चा में बनी रही चाहत पांडे का जन्म 1 जून 1999 को दमोह मध्य प्रदेश में हुआ था उन्होंने शहर के आदर्श स्कूल और जेवी स्कूल से स्कूल शिक्षा प्राप्त की। बालाजी ग्रुप के साथ इंदौर से अभिनय का प्रशिक्षण प्राप्त कर माया नगरी मुंबई चली गई और अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत की।
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