अभिलाष चौधरी कड़ी मेहनत से मिलती है सफलता

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 एक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत चाहिए सफलता निश्चित मिलेगी -अभिलाष चौधरी 

 

Abhilash Chaudhary
Abhilash Chaudhary Kathin Mehanat Se Milti Hai Safalta

भारतीय टेलीविजन जगत के सबसे चर्चित अभिनेता अभिलाष चौधरी ने अपने बेहतर अभिनय के दम पर खुद को साबित किया है उन्होंने अपने किरदारों को परदे पर खुद में जिया है ।
स्टेट ऑफ सीज, टेम्पल अटैक, डी कंपनी, दबंग 3, कमांडो 3 और उजड़ा चमन जैसी फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, उन्होंने ढाहनम और उड़ान सहित कई श्रृंखलाओं में भी काम किया। साल 2014 से अभिलाष बाॅलीवुड में सक्रिय हुए । अपने क्रिकेट प्रेम के चलते अभिलाष चौधरी ने सेलेब्रिटी क्रिकेट लीग में भी भाग लिया और सुनील शेट्टी, सोहेल खान जैसे कलाकारों के साथ किक्रेट खेलते नजर आये ।जिसमें टेलीविजन उद्योग के सभी लोकप्रिय कलाकार क्रिकेट के लिए उत्साह साझा करते हैं।

 अभिलाष चौधरी को अभिनय की प्रतिभा कुदरत ने एक उपहार स्वरूप प्रदान की अभिलाष चौधरी ने कठिन परिश्रम से अपने दमदार अभिनय के दम पर बॉलीवुड मे ना सिर्फ अपना अलग मुकाम बनाया बल्कि बतौर अभिनेता हिन्दी सिनेमा जगत में खुद को स्थापित किया । 23 जून 2017 को सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की इस फिल्म उन्होने एक भारतीय सैनिक की भूमिका अदा की और कभी पीछे मुड़कर नही देखा। इसके बाद साल 2018 आई जे पी दत्ता की फिल्म पलटन मे भारतीय सैनिक हवलदार लक्ष्मीचंद यादव का किरदार निभाया जिसमे अपने वेजोड़ अभिनय से उन्होने दर्शको का मन जीत लिया यह फिल्म गलवान घाटी के भारत चीन संघर्ष पर बनी है इस फिल्म मे अभिलाष चौधरी के साथ अर्जुन रामपाल,सोनू सूद,गुरमीत ने भी मुख्य मे नजर आये। वही साल 2019 अभिलाष चौधरी का गोल्डन वर्ष रहा इस साल फिल्म द जोया फेक्टर मे सोनम कपूर के साथ शिवी के किरदार बखूबी निभाया जिसमे एक क्रिकेट प्लेयर की भूमिका मे क्रिकेट खेलते परदे पर नजर दिखाई दिये इसके साथ ही, एक बार फिर सलमान खान की फिल्म दबंग3 मे इंस्पेक्टर उज्ज्वल राठौर के किरदार मे स्क्रीन शेयर करते नजर आये फिल्म कमांडो 3 मे तैमूर,फिल्म उजड़ा चमन मे राठी जैसे अहम किरदारो को अपने अभिनय के दम से जीवंत किया।

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अभिलाष चौधरी ने बताया कि उन्हे फिल्मे देखने का बचपन से ही बड़ा शौक था मशहूर अभिनेता सनी देओल की फिल्मे देख देख कर मै बड़ा हुआ और सनी देओल को मैं अपना आइडल मानता हूं उन्हीं को देखकर ही फिल्मो की ओर मेरा आकर्षण अधिक बढ़ने लगा लेकिन मेरे परिवार का कोई भी कनेक्शन हिन्दी सिनेमा जगत में नहीं था वह दौर ही कुछ ऐसा था कि मेरे परिवार का माहौल कुछ अलग सा था जिस कारण मैने अपनी हीरो बनने की अभिलाषा को कुछ समय के लिए मन में दबाये रखना ही उचित समझा। वर्ष 2007 मे देहरादून से बीटेक करने के बाद दिल्ली की एक कंपनी मे मेरी जाॅब लग गई लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था वर्ष 2014 मेरा ट्रांसफर मुंबई हो गया मेरे मन के भीतर दबे अभिनय करने के उन सपनो जैसे पंख लग गये। मैने फिल्मो मे काम पाने का प्रयास शुरू किया ऑडीशन देने शुरू किये लेकिन थियेटर मे काम करने के अनुभव के प्रश्न मुझसे पूछे जाने लगे।मैने थियेटर करने के बारे मे सोचा लेकिन जाॅब और थियेटर एक साथ करना संभव नही था।मैने ऑडीशन देना जारी रखा। और जाॅब भी जारी रखा।

सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट से मिला पहला ब्रेक– एक सैनिक के रूप में पहली बार सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट में काम करने का मुझे मौका मिला।जैसे मेरे लिये एक सपने का सच होने जैसा था सलमान खान की फिल्म मे पहला ब्रेक मिला। भारतीय टेलीविजन मे प्रेम या पहेली, चंद्रकांता, क्योंकि विश्वानंद ने मेरे अंगने में, नागिन 2, प्रेम या पहेली,चंद्रकांता, उड़ान सावधान इंडिया सहित 30 से भी अधिक छोटे बड़े किरदारो को निभाने का मौका मिला । वह मेरे अंगने में और बाल कृष्ण टी वी सीरियल में भी काम करते दिखे।

मेरे फैन्स के प्यार और दुआओ ने मुझे यहाॅ तक पहुँचाया उनके अपार प्रेम और विश्वास ने वेहतर से वेहतर काम करने की उर्जा प्रदान की।सभी आप सभी का दिय से शुक्रगुजार हू।

अभिलाष चौधरी का जन्म 17 अप्रैल 1989 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के शामली ग्राम मे हुआ। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई देहरादून से की और साल 2007 में ग्राफिक्स एरा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।इनके पिता ओमवीर एक एडवोकेट है इनकी माता सुरेश गृहणी है।अभिलाष का पूरा नाम अभिलाष चौधरी पंवर है।

यादगार लम्हे– अभिनेता अभिलाष ने बताया कि फिल्म द जोया फेक्टर मे सोनम कपूर के साथ शिवी का कैरेक्टर प्ले करने का मिला इस फिल्म के एक शाॅट मे दादी के किरदार के लिये अचानक एक फोटो की आवश्यकता थी तो मुझसे पूछा गया कि मेरे संपर्क मे गांव की दादी है क्या? कुछ समय सोच विचार करने के बाद मैने अपनी दादी की तस्वीर दिखाई और उसे तुरंत ही फसंद कर फिल्माया गया।यह वाक्या मुझे भीतर से छू गया। असल जिन्दगी के साथ ही फिल्म मे भी दोनो दादी पोता साथ नजर आये। इस मे अभिलाष के काम को बहुत सराहना मिली मशहूर फिल्म समीक्षक कोमल नाहटा ने भी सराहा था। फिल्म पलटन मे एक सीन को फिल्माने के दौरान जे पी दत्ता ने मेरे शाॅट को सराहते हुये कहा वाह कमाल कर दिया यह लम्हा दिल को छू गया।इसके बाद रामगोपाल वर्मा के साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

अभिलाष चौधरी की सफलता का मूल मंत्र-फिल्म जगत में नये युवाओं को आगे बढ़ने का मूलमंत्र कठिन परिश्रम ही है  देखिए, सिने जगत में अपनी पहचान बनाने और टिके रहने के लिए एक कठिन काम है। यहां पर लोगों को भूलकर आगे बढ़ने में देर नहीं लगती, चारों ओर कठिन प्रतिस्पर्धा चल रही है। मैं मानता हूं काम अच्छा करो, बाकी बाद में… सार्वजनिक उपस्थिति, सोशल मीडिया, यह सब सार्थक है यदि आपके पीछे एक अच्छा करियर ग्राफ है। और आप अपने काम को 100 प्रतिशत समय दे रहे हैं अपना वेस्ट दे रहे हैं तो सफलता मिलना तय है। दिन के अंत में, काम बोलता है, इसलिए मैं यही कर रहा हूं और अब आठ साल की कड़ी मेहनत और कई तरह के किरदार निभाने के बाद, लोगों की नजरों में आने का भी यह सही समय है

अभिनय के साथ परोपकारी भी है अभिलाष– अभिलाष चौधरी एक्टिंग के साथ परोपकारी सेवा कार्यो में भी अपनी गहरी भूमिका निभाते हैं वे असल जिन्दगी के भी हीरो है अनेक समाजसेवी संगठनों के साथ उनका जुड़ाव है अंगदान,रक्तदान,और मानव कल्याणकारी गतिविधियो मे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है इतना ही नही समाजकार्य कर रहे युवाओ को भी प्रोत्साहित नजर आते रहते है उन्हे अंगदान रक्तदान के लिये भी प्रेरित करते है वे बीइंग सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था मुंबई के ब्रांड एंबेसडर होने के साथ साथ जरूरतमंदो को निःशुल्क सहायता पहुंचा रहे है कोरोना महामारी के दौर मे पीड़ितो को आर्थिक सहायता पहुंचा रहे है।इस संस्था के निर्माण मे भी अभिलाष चौधरी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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