सलमान खान के दादा परदादा कौन है
बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान से तो सभी परीचित हैं बच्चा-बच्चा उनके परिवार को पहचानता है उनके नाम को पहचानता है सलमान खान के पिता हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर पटकथा लेखक हैं पर क्या आप जानते हैं कि सलमान खान के परदादा कौन थे क्या आप जानते हैं कि सलमान खान के पूर्वज कौन थे और कहां से आए थे अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं सलमान खान के परदादा का नाम अब्दुल लतीफ खान है जो अफगानिस्तान से भारत रोजगार की तलाश में आए थे मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में बस गए अब्दुल लतीफ खान इंदौर जाकर होल्कर की सेवा में भर्ती हो गए उनके बेटे अब्दुल मजीद खान भी पिता के नक्शे कदम पर चलकर होल्कर की सेना में नौकरी करते थे मजीद खान के पांच बेटे थे बड़े बेटे अब्दुल रशीद खान जो अंग्रेजों के जमाने के पुलिस अधिकारी रहे ।अब्दुल रशीद खान की सात संताने थी चार बेटे हलीम खान, हफीज खान नईम खान सलीम खान और तीन बेटियां साबिरा बानो ,साजिदा बानो, सुरैया बानो। हलीम खान खजराना इंदौर के नहारशाहवली दरगाह के इंतजामिया कमेटी के सदस्य थे जो हलीम बाबा के नाम से भी प्रसिद्ध थे।।
सलमान खान के परदादा रोजगार की तलाश में इंदौर पहुंचे थे क्योंकि उसे दौर में इंदौर के वैभव की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई थी इतिहासकारों के अनुसार लगभग 1870 -80 में इंदौर का औद्योगिकीकरण हो चुका था इंदौर की कपड़ा मिले इंदौर की शान होती थी कॉटन और लट्ठा विश्व प्रसिद्ध था इंदौर शहर के कपड़ों की धूम इंग्लैंड लंदन में भी खूब थी। इंदौर का पुराना नाम इंदौर था जो कि भगवान महादेव के नाम पर पड़ा पंढरीनाथ में इंद्रेश्वर महादेव का मंदिर आज भी मौजूद है । इंद्रेश्वर को बाद में इंदौर नाम से पुकारा गया। इंदौर उस दौर में भी एक साफ सुथरा शहर माना जाता था उसे दौर में शहर की सड़क मास्क से रोज धुला करती थी गणेश उत्सव भी महाराष्ट्र की तर्ज पर 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता था अखाड़े और कुश्ती के लिए इंदौर मशहूर था।
1950-60 के उस जमाने में इंदौर में लीगल,एलोरा , यशवंत,अलका, श्री कृष्ण,बैबीनो,राज, स्टारलिस्ट , मिल्कीवे एक से बढ़कर एक सिनेमाघर होते थे सलीम खान साहब का परिवार फिल्में देखने का भी शौकीन था।
अफ्गानिस्तान ने इंडिया आये थे सलमान खान के परदादा पठान -सलमान खान के दादा रशीद खान पाख्तून पठान है उनके पूर्वज अफगानिस्तान से भारत आए थे होलकर महाविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद महाराजा होलकर के यहां नौकरी कर ली । हॉकी और फुटबॉल के एक उम्दा प्लेयर होने के कारण एक दिन अचानक फुटबॉल मैदान में एक अंग्रेज अफसर के संपर्क में आ गए और पुलिस विभाग में नौकरी मिल गई मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक वर्ष की ट्रेनिंग करने के बाद डीएसपी पद पर नियुक्त हो गए। बाद में उनका प्रमोशन डीआईजी के पद पर हो गया ब्रिटिश सरकार ने राशिद खान की बहादुरी के लिए दिलेर बहादुर के किताब से सम्मानित किया सलीम खान साहब की माता का नाम सिद्धिका बेगम था जब सलीम साहब लगभग 7 -8 वर्ष के थे तो उनकी मां सिद्धिका बेगम को तपेदिक की बीमारी हो गई थी नैनीताल की एक जगह थी जहां इस लाइलाज बीमारी का उपचार करने का प्रयास किया जाता था। लेकिन उनकी मां का निधन हो गया इसके बाद सलीम खान साहब 15 -16 साल के थे तब उनके पिता का भी इंतकाल हो गया पिता की मृत्यु के बाद सलीम खान अपने भाई बहनों में सबसे छोटे हैं सलीम खान को उनके बड़े भाइयों ने संभाला।
भारत के सबसे बड़े पटकथा लेखक सलीम खान -सलीम खान का जन्म24 नवंबर 1935 को इंदौर में हुआ इंदौर के पलासिया क्षेत्र में बने खान कंपाउंड मैं सलीम खान का बचपन गुजरा उन्होंने सेंट राफेल कॉन्वेंट स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और अपने पिता राशिद खान की तरह होलकर कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की ।कॉलेज के दिनों में सलीम खान को क्रिकेट से बेहद लगाव था । 1958 में सलीम खान साहब ने अपना रुख फिल्मों की तरफ मोड़ लिया भोपाल के समीप नर्मदा नदी के किनारे बस यह बुधनी गांव में फिल्म नया दौर की शूटिंग हुई थी। सलीम साहब की छोटी बहन सुरैया का निकाह भोपाल के बड़े कारोबारी व ठेकेदार अब्दुल हमीद से हुआ था । इंदौर के एयरपोर्ट के निर्माण का ठेका हमीद खान ने लिया था फिल्म नया दौर की शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार अजीत और जॉनी वॉकर से हमीद खान की मुलाकात हुई और गहरी दोस्ती हो गई। जब सलीम खान ने अपना रुख फिल्मों की ओर मोड़ा तो जीजा हामिद खान के जरिए उनकी मुलाकात डायरेक्टर अमरनाथ से हुई जो अपनी आगामी फिल्म बारात के लिए नए चेहरे की तलाश में थी अमरनाथ ने सलीम खान को देखकर उनके लुक से बेहद प्रभावित हुए थे और उन्होंने सलीम खान को बतौर अभिनेता काम दिया। इसके बाद उन्होंने रामू दादा ,छैला बाबू ,सर्दी लुटेरा, फैलाद ,तीसरी मंजिल आदि फिल्मों में अभिनय किया।अभिनय जगत से निराशा हाथ लगी । 12 वर्षों के संघर्ष के बाद सलीम खान साहब ने पटकथा लेखन में अपना भाग्य आजमाया और उन्होंने अपनी कलम से हिन्दी सिनेमा जगत का सुपरहिट इतिहास रच डाला । जंजीर,दो भाई,हाथी मेरे साथी,शोले,डाॅन, त्रिशूल, जैसी एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी। साल 1964 में मुंबई की सुशीला चरक से विवाह कर लिया सुशीला चरक हिन्दू धर्म की लड़की है इसलिए सलीम साहब ने हिन्दू रीति से विवाह कर लिया। सलीम – सुशीला की चार संतान हुई सलमान खान, अलविरा खान, अरबाज खान और सोहैल खान। सलीम खान ने दसरा विवाह अभिनेत्री हेलेन से किया था और दोनों ने एक बेटी को गोद लिया था मशहूर लेखक व्यंग्यकार शरद जोशी ने उनकी बेटी का नाम अर्पिता रखा था।
FAQ
1.सलमान खान के दादा का नाम क्या है
सलमानखान के दादा का नाम अब्दुल रशीद खान है जो अंग्रेजो के जमाने में डीआईजी थे।
2. सलमान खान का पुस्तैनी घर कहां है
सलमान खान का पुस्तैनी घर इंदौर मध्यप्रदेश के पलासिया इलाके में है।