Salman Khan The Most Disciplined Actor Akhilendra Mishra Ne Film Veergati Ka Experience Share Kiya

4.7/5 - (3 votes)

Salman Khan The Most Disciplined Actor Akhilendra Mishra Ne Film Veergati Ka Experience Share Kiya

Salman Khan The Most Disciplined ActorAkhilendra Mishra Ne Film Veergati Ka Experience Share Kiya
Salman Khan The Most Disciplined Actor
Akhilendra Mishra Ne Film Veergati Ka Experience Share Kiya

सलमान खान की फिल्म वीरगति 29 सितंबर 1995 को रिलीज हुई थी यह फिल्म 100 दिनों तक सिनेमाघरों में चली थी फिर भी हिंदी सिनेमा जगत ने इस फिल्म को फ्लॉप बता दिया यह पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें सलमान खान की बॉडी पहली बार दिखाई गई थी वीरगति सलमान खान की पहली एक्शन फिल्म है हाल ही में इस फिल्म में मुख्य विलन की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने फिल्म वीरगति से जुड़े हुए अपने दिलचस्प अनुभवों और किस्सों पर बात की कैसे इस फिल्म का निर्माण हुआ सलमान खान का नेचर उन दिनों में कैसा था आइए जानते हैं

 

बात है साल 1994 की पटकथा लेखक के के सिंह को हिंदी सिनेमा में 12 साल हो चुके थे उनकी फिल्मी शिक्षा राज कपूर की फिल्म प्रेम रोग के सेट से शुरू हुई उन्हें एहसास हो गया था कि वह संवाद लेखन प्रतिभा के धनी है त्रिदेव ,तिरंगा ,राम तेरी गंगा मैली हो गई ,क्रांतिवीर जैसी बड़ी फिल्मों के लिए एक से बढ़कर एक सुपरहिट डायलॉग लिखे जो आज भी पसंद किए जाते हैं नाना पाटेकर का मशहूर डायलॉग आ गए ‘मेरी मौत का तमाशा देखने ‘ यह डायलॉग के के सिंह की कलम से ही निकला इतनी सफल फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने एक और पटकथा लिखी किसी करीबी ने उन्हें सलाई दी थी कि इस फिल्म को तुम खुद ही क्यों नहीं बनाते और फिर के के सिंह ने इस फिल्म बनाने का फैसला लिया कहानी लेकर भी सीधे सलमान खान के पास गए सलमान खान फिल्म हम आपके हैं कौन की बड़ी कामयाबी को एंजॉय कर रहे थे ।

फिल्म वीरगति में मुख्य खलनायक की भूमिका अदा कर चुके अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने एक यूट्यूब चैनल को दिए ताजा इंटरव्यू में बताया कि मशहूर टीवी सीरियल चंद्रकांता की शूटिंग चल रही थी और चंद्रकांता में केवल अखिलेश थे जो नए थे जितने भी कलाकार थे वह सभी टेलीविजन के बड़े स्तर थे केवल नए कलाकार अखिलेद्र मिश्रा थे जो मुख्य कलाकार के रूप में काम कर रहे थे चंद्रकांता में राजा का रोल निभाने वाले अभिनेता सुरेंद्र पाल से अखिलेंद्र की अच्छी मित्रता हो गई थी दोनों मुंबई के यारी रोड में रहते थे इसलिए दोनों का शूटिंग के लिए साथ में आना-जाना होता था तो सुरेंद्र पाल ने के के सिंह से अखिलेंद्र को मिलवाया । राज कपूर के सहायक लेखक के .के .सिंह ने प्रेम रोग ,राम तेरी गंगा मैली हो गई, तिरंगा ,क्रांतिवीर, जैसी बड़ी फिल्में लिखी थी के के सिंह राज कपूर के सहायक लेखक थे और उन्होंने जब फिल्में डायरेक्ट करने का निश्चय किया तो वह फिल्म बना रहे थे वीरगति। तो अभिनेता सुरेंद्र पाल के के सिंह से मिलने जा रहे थे तो साथ में अखिलेंद्र मिश्रा को भी साथ ले गए और के के सिंह से सुरेंद्र पाल ने अखिलेंद्र मिश्रा को मिलवाया।

अखिलेंद्र बताते हैं कि मेरी क सिंह से कोई बातचीत नहीं थी मैं तो सुरेंद्र पाल के साथ गया था और चुपचाप बैठकर उनकी बातें सुन रहा था फिर जब हम निकलने लगे तो मैं उनसे नमस्ते किया तो उन्होंने जवाब दिया अच्छा अखिलेंद्र बाबू मिलेगा आप मैंने सोचा पहली बार कोई आदमी अखिलेश नाम बोल रहा है यह बड़ी अद्भभुत बात है क्योंकि प्रॉपर सही तरीके से लोग मेरा नाम लोग नहीं ले पाते रहे थे कोई अखिलेश अखिलेश्वर छोटा करके अखिल अखिल भी बोलते थे अखिलेश बोल नहीं पाते थे या याद नहीं रहता था तो यह पहले शख्स हैं जिन्होंने मेरा नाम बहुत सही लिया है अखिलेंद्र फिर बहुत दिनों के बाद मेरी उनसे बात हुई वह मुझे ढूंढ रहे थे और जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने कहा आप मेरी फिल्म के मेन विलन हैं और हीरो आपके ऑपोजिट सलमान खान है फिल्म का नाम है वीरगति। दोनों ने मुझे सिनेमा में मेरा परिचय कराया और फिर शुरुआत हुई।

 

हम थिएटर वाले अपने आप को बड़ा सिनसिअर समझते हैं और है भी लेकिन वीरगति के वक्त जो सिनसिअर्टी हमने देखी थी सलमान खान में वह बहुत अद्भुत सिनसिअर्टी थी रात भर क्लाइमैक्स सीन में यह पहली फिल्म थी जिसमें उन्होंने बिना शर्ट की अपनी बॉडी दिखाई थी तो सलमान खान रात भर हर शॉट के पहले एक्सरसाइज करते थे कैमरामैन भी उनके मसल्स के हिसाब से लाइटिंग करता है। तलवार पड़े हुए मसल्स दिख रहा एक्शन चल रहा है तो मैंने देखा कि इतने बड़े एक्टर जो कमर्शियल सिनेमा के इतने बड़े हीरो हैं उन्हें देखना कितना कमाल लगता था इस फिल्म के क्लाइमेक्स काफी दिनों तक चला था और सलमान खान हर दिन रात भर वजन बढ़ाकर बढ़ाकर कसरत करते और शाॅट देते थे यह बहुत अद्भभुत नजारा था। वीरगति को फिल्म इंडस्ट्री ने फ्लॉप घोषित कर दिया था जबकि वीरगति 100 दिन तक सिनेमाघर में चली थी लेकिन पता नहीं क्या था कुछ था क्या पर पता नहीं भगवान जाने ऐसा हल्ला हुआ की फिल्म फ्लॉप हो गई फिल्म फ्लॉप का सबसे ज्यादा असर मुझ पर पड़ा क्योंकि मैं नया था मुझे फिल्में मिली नहीं उसे समय मुझे पता चला की सिनेमा में अच्छा एक्टर बड़ा एक्टर नहीं है यहां पर हिट एक्टर और फ्लॉप एक्टर है यदि कोई अच्छा एक्टर है तो उसे काम मिलना चाहिए लेकिन यहां तो कोई पूछ ही नहीं रहा है मेरी आमिर खान के साथ फिल्म सरफरोश आई वीरगति और सरफरोश में साढ़े तीन साल का फासला है।

वीरगति फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान खान ने मूवी टॉकीज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मेरी सोच है कि बुरा काम करने से अच्छा है काम ही ना करो। हम आपके हैं कौन की अपार सफलता के बाद, मेरे पास लेखक के के सिंह वीरगति की कहानी सुनाने आए तो मुझे उसका कैरेक्टर बहुत अच्छा लगा था। उसे कैरेक्टर की खासियत यह है कि वह हमेशा दूसरे के लिए जीता है और एक उसे तरह का किरदार होता है जहां पर किसी की भलाई के लिए हर चीज करें सलमान खान आगे कहते हैं कि एक लेखक अपने डायलॉग से इंप्रेस करता है लेकिन इस फिल्म में मुझे यह कहीं नहीं लगा कि एक राइटर शो ऑफ कर रहा है कि देखो मैं डायलॉग इतने अच्छे लिखता हूं डायलॉग फोकस करके टॉपिक से ही हट गया आदमी । तो इस फिल्म के जो डायलॉग है बहुत सटीक कट टू कट डायलॉग है बहुत इफेक्ट फुल डायलॉग है सलमान खान को इस फिल्म के तीन गाने बहुत पसंद है झिप चिका जाना सॉन्ग और जहां कहीं दिल ने खाई ठोकर।

 

आप जल्दी जल्दी कमेंट करके बतायें आप सलमान खान के कितने बड़े फैन हैं और उनके बारे में आपकी क्या राय है जरूर हमें बताएं अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट Bollywood Yatraa के साथ।अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है सबसे ऊपर 5 स्टार देकर हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लि ए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। ताकि हमे पता चल सके कि दुनिया भर में सलमान खान के कितने चाहने वाले हैं और कहां कहां मौजूद हैं

Leave a comment